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Vol. story 3
।। पर्यावरण बचाओ ।।
#प्रकृति में रुचि-
मेरा बचपन गाँव मे बिता और मैने प्रकृति को क़रीबी से जाना है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधित समस्याओं के बारे में अध्ययन करने के बाद मन में इनके सरंक्षण के लिए कार्य करने की इच्छा जागृत।
वैसे मैने 12वी कक्षा से स्नाकोत्तर तक भूगोल का अध्ययन किया एवं वर्तमान में भी भूगोल का विद्यार्थी हूँ इसी कारण से मेरा पर्यावरण के प्रति समर्पण सदैव रहा है और आगे भी रहेगा।
मानव – पर्यावरण संबंधी विचारधारा में मानव अपने को सर्वोच्च समझता उस विचार को बदल कर प्रकृति सर्वोच्च है जैसी मानसिकता विकसित करने की आवश्यकता है।
इसके लिए विद्यालय व समाज स्तर पर प्रयास करता रहता हूँ। पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण व जल संरक्षण को प्राथमिकता देता रहा हूँ ।
#जंगल धरोहर से जुड़ना मेरा सौभाग्य-
मेरा पर्यावरण के प्रति प्रेम विगत दो वर्षों से और अधिक बढ़ गया है और जुलाई 2020 से आपके कार्यक्रम (जंगल (धरोहर) से जुड़ने के बाद वृक्षारोपण के प्रति और अधिक प्रोत्साहन व अभिप्रेरणा मिली। आपके प्रोग्राम से जुड़ने के बाद मैने जन्मभूमि व कर्मभूमि पर कई वृक्षों का रोपण किया और लोगो को वृक्षारोपण के प्रति अभिप्रेरित व जागरूक किया ।
जंगल धरोहर द्वारा 10 लाख वृक्षों का जो लक्ष्य है वाकई में बहुत बड़ी पहल है इसके लिए आपकी पूरी टीम को शुभकामनाएं व बधाई..।
मैने में विगत 6 माह में 51 से अधिक पेड़ लगाए है और उनकी समुचित देखभाल करता रहता हूँ। कई लोगों से भी अपील की गई उनको भी वृक्षारोपण के प्रति जागरूक किया।
आपके द्वारा निःशुल्क पोधों का वितरण… गुगल व सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अवगत कराया जा रहा है साथ ही पौधरोपण की प्रक्रिया, रखरखाव की जानकारी भी दी जा रही जो सराहनीय कदम है।
धरोहर की चाय पर चर्चा प्रोग्राम में राजसमंद जिले की खमनोर पंचायत में भोपा की भागल विद्यालय के बारे में जिक्र किया जो सघन वृक्षारोपण व पक्षियों के संरक्षण के लिये जाना जाता है। तो उसे मैने दिखने का मानस बनाया उसे देखने के बाद मुझे और अधिक प्रोत्साहन मिला।
#पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रयास- मेरा सन्देश अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते है तो अच्छा जीवनयापन व प्रदूषण कम करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए।
बहुत कम लोग है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हैं सभी लोगों से निवेदन है कि अधिक मात्रा में पेड़ लगाना व आसपास के लोगों को प्रोत्साहित करना।
पेड़ – पक्षियों , जंगली जानवरों, मानव समुदाय, जैविक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।
कोरोना वायरस का कहर एक तरह से इंसान के लिए चेतावनी है कि यदि मानव ने अपनी गतिविधियों के जरिए पर्यावरण को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो प्रकृति अपने रास्ते खुद बना लेगी।
वृक्षारोपण के लिए हम सब संकल्प लें कि जन्मदिन या कोई यादगार पल पेड़ लगाकर मनाएं।
अपने घर व आँगन में थोड़ी सी जगह पेड़ पौधों के लिए रखें, पशु पक्षियों व जल संरक्षण करें! विद्यार्थियों को भी वृक्षारोपण व जल संरक्षण के लिए हमेशा प्रेरित करता रहता हूँ…
समाज में सभी परिचितों को भी जागरूक करने का प्रयास जारी है।