mulching

आज कल हर काम के लिये कोई न कोई तकनीक मिल जाती हैं। अब आप सोचिये कि पौधों के रखरखाव के लिये कोई तकनीक हो सकती हैं। जी हाँ बिल्कुल, ऐसी कई तकनीकें हैं जिन को इस्तेमाल कर आप अपने पौधों को बड़ा कर सकते हो। पलवार पौधों के रखरखाव की एक सरल और अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीक है।
इस तकनीक में घास व खरपतवार से मिट्टी के ऊपरी हिस्से के पदार्थों के लिए एक रक्षा कवच बनाया जाता है। यह कवच प्राकृतिक (कार्बनिक) या मानव कृत (अकार्बनिक) पदार्थों से मिलकर बनता है।
कार्बनिक पदार्थों जैसे कटी हुई घास, सूखे पत्ते, पेड़ो की छाल आदि।
अकार्बनिक पदार्थों जैसे कटे हुए पत्थर, रेत, प्लास्टिक की परत हो सकती है।
लेकिन हमने जंगल के लिये कार्बनिक पलवार के उपयोग को महत्व दिया है क्योंकि कार्बनिक पदार्थों की परत मिट्टी की परिस्थिति को अच्छा बनाती है, जो केचुओं या अन्य जीवों को अपघटन के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करती है जिससे अपघटित आसानी से हो जाता है।
अब इस अपघटन से होता क्या हैं?
अपघटित हुए पोषक पदार्थ मिट्टी में रिस जाते है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ा देते हैं। मिट्टी की यही उर्वरता पौधों में जड़ों की वृद्धि, पानी छानना, और मिट्टी की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है। पलवार तकनीक के रूप में बस यहीं तक अपना कमाल नहीं दिखाती बल्कि और भी कई कमाल पलवार के द्वारा किया जाताहोतें हैं ।
यह मिट्टी के कटाव को रोकती है, साथ ही भारी वर्षा के प्रभाव को काम करती हैं। मिट्टी में नमी को बनाये रखती है जो बार-बार पानी देने की जरूरत को कम करती है। मिट्टी के तापमान को नियंत्रित करती है और खरपतवार की वृद्धि को रोकती है।